क्रोध क्या है कोई नहीं जान पाएं
इसकी आग से तो महाकाल भी न बच पाएं
परशुराम, सती कथा कुछ प्राचीन उदाहरण है
क्रोध की आग ने करवाया हर बार तांडव है
क्रोध एक आग उगलता ज्वालामुखी है
भस्म जिससे होता हर जीव है
दुनिया में सबसे घमंडी इंसान है
समझता खुद को सर्वशक्तिमान है
परंतु हार जाता जब भी प्रकृति करती प्रहार है
एक वायरस ने ही मचाया हाहाकार है
घमंड इंसान का चकनाचूर है
बिना मतलब ही इंसान इतना मग़रूर है
क्रोधित अब प्रकृति हुई है
भयभीत जिससे यह दुनिया हुई है
जब जब इंसान ने घमंड किया है
प्रकृति ने स्वयं ही जवाब दिया है
घमंड और गुस्सा दोनों एक विकार है
पश्चताप पर खत्म होता इसका आकार है
प्रेम, प्रणय क्रीड़ा से..
प्रस्तुत नहीं होता..
प्रेम, अंग प्रत्यंग की लालसा
से गहरा नहीं होता..
प्रेम,, दो देह से गुजर कर भी
पूरा नहीं होता..
.....
प्रेम,, ह्रदय पीड़ा से,
प्रशस्ति...